भिलाई  , रेल-सेल के रिश्ते को टूटने से बचाने की मुहिम में बीएसपी के कर्मचारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बावजूद लक्ष्य से पीछे ही हैं। वित्तीय वर्ष के लिए रेलवे ने साढ़े 13 लाख टन रेल पटरी का ऑर्डर बीएसपी को दिया है।                                  डिस्पैच की बात की जाए तो 29 फरवरी तक 11 लाख 37 हजार 343 टन रेल पटरी ही डिस्पैच हो सका है। बीएसपी प्रबंधन के पास सिर्फ मार्च का माह ही बचा है, जिसमें साढ़े 13 लाख टन रेल पटरी की सप्लाई की जा सके। पिछले तीन माह से बीएसपी के दोनों मिल में करीब एक लाख 21 हजार टन ही प्रति माह उत्पादन हो रहा है।
                                          इस हिसाब से लक्ष्य तक पहुंचना संभव नहीं है, लेकिन कर्मचारियों के हौसले को देखते हुए असंभव भी नहीं कहा जा सकता है। भिलाई इस्पात संयंत्र के यूनिवर्सल रेल मिल और रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल में इधर तीन माह से उत्पादन में सुधार हुआ है। इस वजह से लक्ष्य के करीब बीएसपी पहुंच रहा है। उत्पादन प्रक्रिया को लेकर बीएसपी के कर्मचारियों के साथ अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है। वहीं, 29 फरवरी को एक दिन में सबसे ज्यादा उत्पादन का आंकड़ा 5019 टन पहुंचा, जो 24 फरवरी को 4840 टन का था।
                                          कर्मियों का कहना है कि वेतन समझौते को लेकर होने वाली बैठक में सकारात्मक भूमिका बीएसपी का परफॉर्मेंस अदा करेगा। इस बार तो उत्पादन लक्ष्य के करीब तक पहुंच रहा है। लेकिन अगली बार यह करीब 15 लाख टन तक उत्पादन करने में सक्षम हो जाएगा। नवंबर में 26 मीटर रेल उत्पादन करने के कारण टनेज कम है। वह भी 26, 130 और 260 मीटर की लोडिंग है।