• Home
  • |
  • Videos
  • |
  • About Us
  • |
  • Contact Us
  • |
  • Login

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ८ मार्च को ही क्यों मनाया जाता है ?

यह   सवाल   कई  बार   आप  लोगों  के     मन   में   भी  आया   होगा   ।ये आइडिया एक औरत का ही था। क्लारा जेटकिन ने 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी औरतों की एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया। उस वक्त कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की 100 औरतें मौजूद थीं। उन सभी ने इस सुझाव का समर्थन किया। सबसे पहले साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। लेकिन तकनीकी तौर पर इस साल हम 107वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। 1975 में महिला दिवस को आधिकारिक मान्यता उस वक्त दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मनाना शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी 'सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फॉर द फ्यूचर।   

   लेकिन 8 मार्च ही क्यों?

ये सवाल तो आपके जहन में भी उठता ही होगा कि आखिर 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? दरअसल, क्लारा जेटकिन ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख पक्की नहीं की थी। 1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने 'ब्रेड एंड पीस' (यानी खाना और शांति) की मांग की। महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था। जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी वो तारीख 23 फरवरी थी। ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा।

STORY:

Reader's Review

u0hbl5

0721hp at


Leave a Review